कक्षा - 9वीं
विषय - भूगोल
पाठ - 5
प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी (NCERT Solutions)
1. वैकल्पिक प्रश्न
1. रबड़ का संबंध किस प्रकार की वनस्पति से है ?
- टुंड्रा
- हिमालय
- मैंग्रोव
- उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन
उत्तर - उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन
2. सिनकोना के वृक्ष कितनी वर्षा वाले क्षेत्र में पाए जाते हैं ?
- 100 से०मी०
- 70 से०मी०
- 50 से०मी०
- 50 से०मी० से कम
उत्तर - 100 से०मी०
3. सिमलीपाल जीव मंडल निचय कौन से राज्य में स्थित है ?
- पंजाब
- दिल्ली
- उड़ीसा
- पश्चिम बंगाल
उत्तर - उड़ीसा
4. भारत में कौन-से जीव मंडल निचय विश्व के जीव मंडल निचयों में लिए गए हैं ?
- मानस
- मन्नार की खाड़ी
- दिहांग-दिबांग
- नंदादेवी
उत्तर - मानस
2. संक्षिप्त उत्तर वाले प्रश्न
1. पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते हैं ?
उत्तर - किसी भी क्षेत्र के पादप तथा प्राणी आपस में तथा अपने भौतिक पर्यावरण से अंतर्संबंधित होते हैं और एक पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं |
2. भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण किन तत्वों द्वारा निर्धारित होता है ?
उत्तर - भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण निर्धारित करने वाले तत्व निम्नलिखित हैं :
- उच्चावच
- भूमि
- मृदा
- तापमान
- सूर्य का प्रकाश
- वर्षण
3. जीव मंडल निचय से क्या अभिप्राय है | कोई दो उदाहरण दो |
उत्तर - प्राकृतिक वनस्पति और वन्य प्राणियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में संरक्षित किया जाता है ऐसे क्षेत्रों को जीव मंडल निचय कहा जाता है |
जीव मंडल निचय के उदाहरण हैं:
- पश्चिम बंगाल में सुंदरवन
- उत्तरांचल में नंदा देवी
उत्तर - उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में हाथी, बन्दर, लैमूर, एक सींग वाले गैंडे और हिरण पाए जाते हैं | पर्वतीय वनों में प्राय: कश्मीरी महामृग, चितरा हिरण, जंगली भेड़, खरगोश, तिब्बतीय बारहसिंघा, याक, हिम तेंदुआ, गिलहरी, रीछ, आइबैक्स, कहीं-कहीं लाल पांडा, घने बालों वाली भेड़ तथा बकरियाँ पाई जाती हैं |
3. निम्नलिखित में अंतर कीजिए :
1. वनस्पति जगत तथा प्राणी जगत
उत्तर -
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1. किसी विशेष क्षेत्र में, किसी समय में भू पर्पटी पर पाई जाने वाली सभी प्रकार की पौधों की प्रजातियों को वनस्पति जगत कहा जाता है | |
1. किसी विशेष क्षेत्र में, किसी समय में भू पर्पटी पर पाई जाने वाली सभी प्राणियों की प्रजातियों को प्राणी जगत कहा जाता है | |
2. ये अपना भोजन सूर्य के प्रकाश से बनाते हैं | |
2. ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते बल्कि ये भोजन के लिए वनस्पति जगत पर निर्भर करते हैं | |
2. सदाबहार और पर्णपाती वन
उत्तर -
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1. ये उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 200 से०मी० या इससे अधिक होती है | |
1. ये वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वार्षिक वर्षा 70 से 200 से०मी० के बीच होती है | |
2. इन वनों में वृक्ष अपने पत्ते अलग-अलग समय में गिराते हैं जिससे ये साल भर हरे-भरे दिखाई देते हैं | |
2. इन वनों में वृक्ष अपने पत्ते शुष्क ग्रीष्म ऋतु में 6 से 8 सप्ताह के लिए गिरातेहैं | |
3. इन वनों में पाए जाने वाले जानवरों में हाथी, बंदर, लैमूर, एक सींग वाले गैंडे और हिरण हैं | इन जानवरों के अतिरिक्त इन वनों में बहुत से पक्षी, चमगादड़ आदि पाए जाते हैं | |
3. इन वनों में पाए जाने वाले जानवर शेर और बाघ हैं | |
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4. इन वनों में पाए जाने वाले पेड़ों में सगों, बाँस, साल, शीशम, चंदन, खैर, नीम आदि हैं \ |
5. ये वन पश्चिमी घाट के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार, असम के ऊपरी भागों, तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं | |
5. ये वन भारत के पूर्वी भागों, उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालय के गिरिपद प्रदेशों, झारखंड, पश्चिम उड़ीसा, छत्तीसगढ़ तथा पश्चिमी घाट की पूर्वी ढालों, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में पाए जाते हैं | |
- उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन
- उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन
- उष्ण कटिबंधीय कंटीले वन तथा झाड़ियाँ
- पर्वतीय वन
- मैंग्रोव वन
- पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान में कमी तथा ऊँचाई के साथ-साथ प्राकृतिक वनस्पति में भी अंतर देखने को मिलता है | वनस्पति में जिस प्रकार का अंतर हम उष्ण कटिबंधीय प्रदेशों से टुंड्रा की ओर देखते हैं उसी प्रकार का अंतर पर्वतीय भागों में ऊँचाई के साथ-साथ देखने को मिलता है |
- 1000 मी० से 2000मी० तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं | इनमें चौड़ी पत्ती वाले ओक तथा चेस्टनट जैसे वृक्षों की प्रधानता है |
- 1500 से 3000 मी० की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष जैसे चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, स्प्रूस, सीडर आदि पाए जाते हैं |
- ये वन प्राय: हिमालय की दक्षिणी ढलानों, दक्षिण और उत्तर-पूर्वी भारत के अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं |
- अधिक ऊँचाई पर प्राय: शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान पाए जाते हैं | प्राय: 3600 मी० से अधिक ऊँचाई पर शीतोष्ण कटिबंधीय वनों तथा घास के मैदानों का स्थान अल्पाइन वनस्पति ले लेती है | सिल्वर-फर, जुनिपर, पाइन व बर्च इन वनों के मुख्य वृक्ष हैं |
- भारत में विभिन्न प्रकार की मृदा अलग-अलग प्रकार की वनस्पति की वृद्धि तथा विकास में सहायक है तथा विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों को आश्रय प्रदान करती है |
- भारत में विभिन्न स्थानों पर आर्द्रता और तापमान में भिन्नता देखने को मिलती है | यह तापमान और आर्द्रता में भिन्नता अलग-अलग तरह की वनस्पति और प्राणी जगत को पनपने में सहायता करती है |
- भारत में वर्षा के वितरण में भी भिन्नता पाई जाती है इसलिए जहाँ अधिक वर्षा होती हैं वहाँ सघन वन पाए जाते हैं और जहाँ पर वर्षा की मात्रा घट जाती हैं वहाँ की वनस्पति में भी भिन्नता देखने को मिलती है उदाहरण के लिए मरुस्थलीय क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा घट जाने से कंटीले वन तथा झाड़ियाँ पाई जाती हैं इसी तरह से प्राणी जगत में भी भिन्नता देखने को मिलती है |
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